मुंगेली। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पदमपुर में मितानिन दिवस के अवसर पर मितानिन बहनों के योगदान को नमन करते हुए सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
समारोह में डॉ. मनीष बंजारा ने कहा—
“जहाँ सेवा बन जाए संवेदना, वहाँ खड़ी मिलती है मितानिन बहन।”
उन्होंने बताया कि मितानिन केवल स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी लोगों की सबसे बड़ी सहारा बनकर खड़ी रहने वाली सच्ची साथी हैं। कभी प्रसव के समय माँ का हाथ थामकर, कभी बच्चों के टीकाकरण में सुरक्षा सुनिश्चित कर, तो कभी गाँव-गाँव जाकर रोगों से बचाव की जानकारी फैलाकर वे स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ बन गई हैं।
कार्यक्रम में 8 मितानिनों को डायरी-पेन देकर सम्मानित किया गया तथा सभी को मिठाई वितरित की गई।
डॉ. बंजारा ने कहा कि मितानिनों की निस्वार्थ सेवा, ममता और मेहनत ने ग्रामीण स्वास्थ्य को मजबूत दिशा दी है। वे हर परिवार की शक्ति और समाज की वास्तविक नायिका हैं।
कार्यक्रम में मितानिन बहनें सीमा पहारी, सुनीता मिरि, जलेश्वरी मिरि, मोनिका जांगड़े, सुधा, त्रिवेणी, किशोर, संतोष सहित अन्य सहयोगी उपस्थित रहे।
मितानिन बहनों को हमारा हृदय से सलाम—
आपके कदमों से ही स्वस्थ समाज का मार्ग प्रका
शमान होता है।
